बिहार चुनाव 2025: “टिकट ना मिलल, मदन शाह फूट-फूट के रोअलें!”

आलोक सिंह
आलोक सिंह

बिहार चुनाव के मौसम अभी आवे वाला बा, बाकिर राजनीतिक ड्रामा एही बेरा चालू हो गइल बा।
मधुबन सीट से आरजेडी के टिकट पर पिछला चुनाव लड़ चुकल मदन शाह, अबकी बेर वीडियो में फूट-फूट के रोअत देखाइलें।

ऊ आरोप लगवले बाड़न कि  “हमके लालू जी वादा कइले रहन कि 2025 में टिकट मिली, बाकिर अब संजय यादव बाबू पैसा मंगले टिकट खातिर!

अब ई कौन तरह के लोकतंत्र हs – “पैसा देईं तबे नेता बनब?”

“टिकट बिकाईल बा कि किराया पर चलत बा?”

मदन शाह के कहना बा कि आरजेडी में ‘पैसा दो, टिकट लो’ के स्कीम चलत बा। उ कहलें – “हम 20 साल से पार्टी में बानी, बाकिर टिकट खातिर घूस माँगल गइल… अब कइसे बरदाश्त करीं!

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गइल बा – लोग कहे लागल बा:
“ई राजनीति ह, ना OLX बा?”

आरजेडी के जवाब – “सबूत कहाँ बा?”

आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी अपन सफाई में कहले:
टिकट त एके आदमी के मिली, बाकिर जेकरा ना मिलेला उ लोग त हर साल बवाल करे ला। एमें नया का बा?

ऊ कहलें कि मदन शाह के पास कवनो सबूत नइखे। “गुस्सा में कुछुओ बोले के का मतलब?”

राजनीति में टिकट = लॉटरी?

अब सवाल ई बा – का टिकट अब मेहनत से ना, ‘मऊगा-बाउगा’ से मिलत बा? मदन शाह जइसन पुराने पार्टी कार्यकर्ता के अगर टिकट नइखे मिलत, त नया लोग के का उम्मीद रही?

लोग त सोशल मीडिया पर ईहो पूछे लागल बा:
“टिकट बटे ला कि बोली लागेला?”

रोअलें त सही, बाकिर कुर्सी अबहियों दूर बा…

राजनीति में हार, जीत से पहिले “टिकट मिलल” जरूरी बा।
मदन शाह के लोर एगो चेहरा ह – जवन बतावत बा कि लोकतंत्र में भी ‘इनसाइड डील’ के सिस्टम जिन्दा बा।

“राजनीति में रोअला से टिकट ना मिलेला बाबू – चाहीं त बढ़िया नेटवर्क, बढ़िया चढ़ावा, आ बढ़िया संपर्क!”

दिवाली गाइड: मिठाई से जुआ तक, पुलिस से पंडित तक, सबका ध्यान रखो

Related posts

Leave a Comment